वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग
२४ अगस्त, २०१७
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा
प्रसंग:
नर्क किसे कहते है?
स्वर्ग कहने का क्या आशय है?
क्या नर्क या स्वर्ग मरने के बाद मिलता है?
अपने नर्क स्वयं आप है?
कही उम्मीद ही तो नहीं नर्क का द्वार है?
कही नर्क को स्वर्ग माने तो नहीं बैठे?